Thursday, 12 April 2012

Mera Bachpan

मेरा बचपन तू मुझे याद बहुत  आता है,
जब भी तुझे याद करू मन खुश हो जाता है,
दोस्त तो ऐ दुनिया तुने बहुत दिए, 
पर मेरा दिल ऐ बचपन तुझे ही सबसे ज्यादा चाहता है !

इस ज़िन्दगी में दुखों के सागर में डूबी,
खुशियों की दुनिया में चमकी,
पर हर पल ऐ बचपन तुने मेरा हमेशा साथ दिया,
जब जब मैंने तुझे याद किया !

वोह पल आज  भी याद आता है,
जब अपनी ही दुनिया में गूम हो जाती थी में,
ना खाना ना पानी, सिर्फ अपनी खिलोने वाली गुडिया की शादी,
ना दुःख ना सुख, बस खूब सारा खेलने की भूख, 
ना नौकरी ना पढाई, सिर्फ अगला खेल छुपम छुपाई,
मेरा बचपन तू मुझे बहुत याद आता है !

सवेरे की किरणों में आँखों को मसलना, 
उठकर पापा की गोदी में बैठ जाना,
मम्मी से नहाना, पर कोई बात ना मान ना,
सिर्फ दादी नानी की कहानियां सुन ना 
और सुनते सुनते सो जाना,
मेरा बचपन तू मुझे बहूत याद आता है,
आज भी तुझे याद करू तो मन खुश हो जाता है !

आज भी वोह पल मुझे याद आता है,
जब खिलोनो, और तरह तरह की चीजों के लिए जिद करना,
पल भर में आसू आजाना और जल्दी ही मुस्कुरा देना,
वोह कुल्फी वाले की घंटी पर मचल जाना,
और कुल्फी मिल जाने पर उसके स्वाद में खुद को रंग देना..
मेरे बचपन तू मुझे बहुत याद आता है,
आज भी तुझे याद करू तो मन खुश हो जाता है !

ये दिल जानता है की ऐ मेरे बचपन तू ज़िन्दगी फिर लौट कर कभी नहीं आएगा,
लेकिन आज भी तू कही ना कही मुझमे छुपा है, और हमेशा रहेगा, 
आज भी तू मुझे जीने की सही राह दिखाता है,
दुःख में तुझे याद करके दिल आज भी  मुस्कुराता हैं,
आज भी उम्र बड़ी हो गई, ज़िन्दगी आगे बाद गई,
पर आज भी दिल में बचपन है,
जो शायद कभी किसी का बुरा नहीं करता, 
भोला भाला ये दिल आज भी है,
जिसमे मेरा बचपन रहता है जो कहता है,
में आज भी तुझमे हु...

बस मुझे महसूस करो, महसूस करो, महसूस करो...

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